Home > Events > उत्सवपूर्ण हों हमारे संघर्ष, 18 – 21 सितम्बर, 2017
01 April, 2024
10:35 am
Sambhaavnaa Institute,

हम नारीवादी नजरिये के साथ अपने और अपने समुदायों के हक के संघर्ष लड़ते हुए, संगठनात्मक प्रयासों से  बल लेते हैं | ऐसा करते हुए कई बार हमारी आतंरिक ताक़त जवाब दे रही होती है-  अकेलापन, थकान, उदासी और अस्वस्थता महसूस होने लगती हैं | लम्बे संघर्षों की चुनौतियों को पार करते कई बार एक तरह की बेमानीपन और खिन्नता होती है|  ऐसे में खुद को भीतर से पुनुर्जित करने, अपने स्वभाव और अपनी खासियतों के साथ स्वयं को स्वीकारने में ऊर्जा केन्द्रित अभ्यास सहायक होते हैं |

सामाजिक मुद्दों पर काम करते हुए – कई बार हम खुद को प्राथमिकता नहीं दे पाते |

सामाजिक मसलों पर काम करते हुए अपनी ऊर्जा को निरंतर नहीं बनाये रख पाते | न्याय और बराबरी के संघर्ष में, प्रतिदिन अनिश्चितता और तनाव की स्थितियों में निरंतर काम करते हुए खुद को ऊर्जित नहीं रख पाते |

दैनिक जीवन में, सम्बन्ध, छुअन, रुदन, हंसी, भोजन, मज़ा,मस्ती,योगासन  और गहरी नीदं को, प्रकृति के साथ, अपने नैसर्गिक रिश्ते को, स्वयं के साथ अपने रिश्ते को टटोलने के अवसर इस संघर्षात्मक कड़ी यात्रा को कुछ नए मायने देने में मदद करते हैं | कई बार इससे हम हल्का व तरोताजा महसूस करते हैं, जीवन के प्रति स्वीकृति और नयी तैयारी भी कर पाते हैं |

हम सजग रहे हैं की सशक्तीकरण और खुशहाली पर केन्द्रित हमारे प्रयास पहले खुद से शुरू होकर ही समुदाय की महिलाओं, युवाओं और बच्चों पर केन्द्रित किये जा सकते हैं. समय समय पर संस्थागत कार्यकर्ताओं के लिए स्वयं को पुनारूर्जित करने के अवसर इस उपक्रम का महत्त्वपूर्ण हिस्सा हैं.

सामाजिक संस्कृति में पले, बधे और अधिकार आधरित काम करते हुए कार्यकर्ताओं के लिए उत्सवपूर्णता  और पुन:उर्जा  के खुबसूरत अनुभव तैयार करने और इन्हें निरंतर रखने के लिए एक साझी पहल है “ उत्सवपूर्ण हों हमारे संघर्ष

ये तो हम सब ही जानते हैं की महिला मुद्दों पर काम करने के लिए आगे आई कई महिला कार्यकर्ता खुद अपने जीवन में हिंसा, गैरबराबरी और दबावों का मुकाबला करके आई हैं. इनमे से कई साथी एकल महिलाएं हैं जिनके पास परिवार के बड़े जिम्मे भी हैं. हमारे संस्थागत परिवेश इन सन्दर्भों को तोड़ने और जीवन के आनंद को बनाये रखने की भरसक कोशिश करते हैं | जिनको नए मौकों और तरीकों से और बढाया जा सकता है | इसी लिए महिला कार्यकर्ताओं के साथ यह कार्यशाला खास महत्त्व रखती हैं |

क्या होगा इस चार दिवसीय उत्सव में

कांदबरी, पालमपुर एक सुरम्य और शांत स्थल पर हीलिंग कार्यशाला होगी जिसमें आप  –

  • पारंपरिक और नवीन sensibilities को जोड़ते हुए मिलकर नाचें, गायें, हँसे, रोयें.
  • प्रकृति से हमारे नैसर्गिक जुडाव की अनुभूति लें सकेंगे |
  • कुछ सैर, कुछ मालिश और मस्त आरामदेह नींद का अनुभव कर पाएंगे |
  • अपने शरीर, मन, विचार के ताने बाने को देखने  समझने के कुछ प्रयोग और बातचीत कर सकेंगे |
  • दैनिक जीवन में खुद को प्राथमिकता देने के कुछ व्यवहारिक तरीके तय कर पाएंगे |
  • ध्यान को समंझें और अनुभव करेंगे |
  • अपने स्वभाव से रुबरु होकर अपने भीतर की उत्सवपूर्णता को टटोलेंगे |
  • नयी दोस्तियाँ बनाएं, एक दूसरे की कहानियां सुनें, कहेंगे
  • नृत्य, हास्य, संगीत, प्रकृति से जुड़े प्रयोग, ध्यान और विश्राम
  • अपने काम में इन बातों को निरंतरता में शामिल करने के तरीकों पर तैयारी कर पाएंगे |

हमें उम्मीद है ये अनुभव आपको नयी ऊर्जा के साथ-साथ आपके भीतर की उत्सवपूर्णता को जगाने में भी सहयोग करेगा| नए साथियों के साथ इसे निरंतर रखने के उपायों को भी मजबूत करेगा |

ग्रामीण व कस्बाई महिला कार्यकर्ताओं के लिए विशेष आमंत्रण है

ग्रामीण और कस्बाई संस्कृति में पली बढ़ी , जीवटता के साथ काम करती महिला कार्यकर्ताओं के लिए उत्सव्पूर्नता और पुनरुर्जा के खुबसूरत अनुभव तैयार करना और इन्हें निरंतर रखने के लिए यह प्रयास किया जा रहा है

आपके साथ साथ आपकी संस्था के साथी इसमें आमंत्रित है | हम जानते हैं की हर संस्था अपने कार्यकर्ताओं के स्वस्थ, आनंदित और ऊर्जित होने को महत्त्वपूर्ण मानती है |

ऐसी महिला कार्यकर्ता जो 

 

  • महिलावादी नजरिये के साथ काम करती हों और एक से दो वर्ष का अनुभव हो
  • उम्र 18 से 45 साल के बीच
  • हिंदी भाषा को समझती हों
  • स्वयं के साथ काम करने में विश्वास रखती  हो, इस कार्यशाला में भाग ले सकती हैं  |

 

प्राथमिकता ग्रामीण /कस्बाई महिलाओं को दी जाएगी |आप अपनी संस्था से दो – तीन अथवा अधिक साथी आयें तो वो भविष्य में  वे एक दूसरे की मदद भी कर सकते हैं!

भाषा : हिंदी

स्थान और तारीखे

स्थान   संभावना संस्थान, ग्राम कंडबाड़ी, डाक घर कमलेहड, तहसील पालमपुर, जिला कांगड़ा 176061 |

तारीख़   18 से 21 सितम्बर, 2017

क्या साथ लाये :

ध्यान विधियों के लिए सहज ढीले-ढाले हलके गर्म कपडे | किसी के पास योग मेट हो तो वो भी लायी जा सकती है | रात में सुविधा के लिए टोर्च

कैसे पहुंचे : नीचे दिए इस लिंक की मदद ली जा सकती है

सहभागी सहयोग –

इस उत्सव के आयोजन को आने वाले साथी , विशाखा और सम्भवना मिलकर कर रही है | ऐसे में सभी सहभागी साथियों को इस चार दिवसीय यात्रा के आयोजन में रुपये 2000/- मात्र सहयोग राशी देनी होगी | इस राशी में रहना , खाना और आयोजन सभी शामिल है | यात्रा व्यय स्वयं वहन करना होगा |

फेसिलिटेटर :

लता

सुश्री लता बजाज ध्यान, योग व विभिन्न ध्यान विधियों (भावनाओं के साथ काम, आन्तरिक बचपन से जुड़े अनुभव को उभारना और हास्य विधि) को संचालित करने के लिए  प्रमाणित सहजकर्ता  है |

वह पिछले 12 सालो  से पुरे भारत में हीलिंग व ध्यान पर  विभिन समूह के साथ  कार्यशालाएं व प्रशिक्षण कर रही है | इन्होने स्वास्थ्य, शिक्षा, महिला सशक्तीकरण, महिला हिंसा रोकथाम  जैसे मुद्दों पर बतौर सामाजिक कार्यकर्ता भी कार्य किया है |

हीलिंग व ध्यान में अपनी दक्षता व  अनुभवों  के आधार पर इन्होने विशाखा संसथान  को महिला व बच्चो के हीलिंग सेण्टर की अवधारणा व उसे लागू करने में सहयोग किया है | वर्तमान में वह हीलिंग, ध्यान और खुशहाली के कार्य में उपयोग में लायी जाने वाली विभिन्न विधियों के क्षेत्र में परामर्शक के रूप में कार्यरत है  | इनका मानना है कि उनके द्वारा स्वय अनुभव व अभ्यास की कई सभी विधियां एक व्यक्ति की जिंदगी में  खुशहाली लाने  में महत्वपूर्ण सहयोग करती है | उन्होंने अपना अधिकतर जीवन इस सीख को बाँटने में लगाया  है और साथ ही अपनी आन्तरिक यात्रा को शांति, प्यार और आन्नद के साथ तय कर रही है |

विशाखा टीम  

यह टीम  शिक्षा, स्वस्थ्य, जेंडर, हिंसा रोकथाम, ट्रांसफार्मेशन व अधिकार अद्धारित कार्य में विशेष दक्षता  रखटी  हैं | इन्ही मुद्दों पर विभिन्न समूहों के साथ प्रशिक्षण, दृष्टि निर्माण, हस्तक्षेप नियोजन, विभिन्न सम्प्रेषण टूल/रणनीति निर्माण और अभियान नियोजन का लम्बा अनुभव रहा है |

महिलायें अपने आप को प्राथमिकता देते हुए सहायक वय्स्थों का निर्माण कर पाए इसे बहुत करीब से कियान्वित किया है | नेतृत्व क्षमता निर्माण, अन्य संस्थाओं को तकनीकी सहयोग , परियोजना प्रबंधन, नेटवर्किंग व पैरवी जैसे कार्यों में इस टीम का विशेष अनुभव व दक्षता ह

आयोजक  

विशाखा महिला शिक्षा एवं शोध समिति जयपुर :

विशाखा 1991 से महिलाओं, बच्चों, युवाओं और वंचित समुदायों के साथ उनके सशक्तीकरण के लिए काम करते हुए  अधिकार आधारित संघर्षों में शरीक रही है |

महिला हिंसा रोकथाम के लिए सम्रग रहत केंद ( महिला सलाह एवं सुरक्षा केंद्र ) चलाना , हिंसा से जूझ रही महिलाओं के समूह निर्माण और अधिकार प्राप्त करने के लिए सहायक व्यस्थाये निर्मित ( कार्यस्थल पर यौन उत्पीडन रोकथाम दिशा निर्देश : विशाखा गाइड लाइन )  करने का काम किया है |

विशाखा ने आनंदी हीलिंग सेंटर (2006 से 2009 तक) के माध्यम से  हिंसा से जूझ रही अनेक महिलाओं को  ( निजी संघर्षों और कानूनी लड़ाई में मदद के साथ साथ ) ध्यान और ऊर्जा के अभ्यासों के साथ एक सुरक्षित, सहयोगी, मजेदार और  सहज मार्गदर्शनयुक्त जगह उपलब्ध कराई है |  विशाखा में हम सजग रहे हैं कि सशक्तीकरण  और खुशहाली पर केन्द्रित हमारे प्रयास पहले खुद से शुरू होकर ही समुदाय की महिलाओं, युवाओं और बच्चों पर केन्द्रित किये जा सकते हैं. समय समय पर संस्थागत कार्यकर्ताओं के लिए स्वयं को पुनःउर्जित करने के अवसर इस उपक्रम का महत्त्वपूर्ण हिस्सा हैं |

विशाखा इस समय युवाओं के लिए खुशहाली व सन्दर्भ केंद चला रही  है जहा विभिन्न  मसलो पर काउंसलिंग के साथ-साथ विमर्श , सामूहिक एक्शन , छोटे अध्धयन , खेल , संवाद और कौशल निर्माण के काम युवा मिलकर करते हैं !

सम्भावना इंस्टिट्यूट :

संभावना संस्थान पिछले छ: सालों से सामाजिक कार्यकर्ताओं के लिए राजनैतिक, आर्थिक, सामाजिक और पर्यावरणीय न्याय के कार्यक्रम आयोजित कर रहा है।  संभावना परिसर हिमाचल प्रदेश के पालमपुर के पास एक गाँव में बसा है, यहाँ प्रांगण में ही रहने एव कार्यशाला की व्यवस्था उपलब्ध है !

पता है – संभावना संसथान, ग्राम कंडबाड़ी, डाक घर कमलेहड, तहसील पालमपुर, जिला कांगड़ा 176061 !

संपर्क : शबनम, विशाखा : 7230070786 और  शशांक, संभावना : 8894227954

कार्यक्रम में शामिल होने के लिए, नीचे दिया गया आवेदन पत्र भरें :