Home > Events > Self- care skills workshop, 5-9 September 2018
01 April, 2024
11:44 pm

स्व देखभाल कौशल कार्यशाला ​

सामाजिक कार्यकर्ताओं हेतु  शारी​रि​क मानसिक एवं भावनात्मक स्वास्थ्य सृजन

5 से 9  सितम्बर 2018

समाज हमें प्राथमिक नहीं मानता | महिलाओं को हमेशा सेवा देने वालों की तरह से देखता है | उसी तरह से हमारी भूमिकाओं को पक्का करता है | यह प्रक्रिया इतनी धीमी और निरंतर होती है की कब हम खुद को दुसरे दर्जे  का मानने लगते है हमें पता ही नहीं चलता |

हमारा ध्यान खुद पर से दूसरों पर चला जाता है | हम दूसरों को केंद्र में रख कर निर्णय लेते है | हम दूसरों के अनुसार व्यवहार करते है | दूसरी तरफ उपभोगवाद, पराधीनता , अधिकार , अभिव्यक्ति और हिंसा रोकथाम के मसलों पर समाज, सत्ता और पित्सत्ता के साथ संघर्ष में जा रहे होते है | आवाज बुलंद कर रहे होते है | नारीवादी नजरिये से संघर्ष और संगठनात्मक प्रयासों को बल दे रहे होते है |

इस दो तरफा लड़ाई में हम अपने साथ द्वन्द में जाते है, अकेले पड़ते है | थकान और अस्वस्थता महसूस करते है | कभी कभी नकारात्मक हो जाते है | हमारी उर्जा सब तरफ बंट जाती है | हम अपना जुड़ाव अपने से कम कर देते है | हम अपनी देखभाल को नजर अंदाज कर देते है | हम खुद को प्यार करना , ऊर्जा देना , सहेजना बंद  कर देते है | एक अनिशिचित तनाव में होते हुए एक रस जीवन की ओर बढ़ जाते है | हमारी रचनात्मकता और जीवन की गुणात्मकता कम होने लगती है | ऐसे में हम कभी कभी यह भी सोचने लगते है की इसमें मेरी ही कमी है | ऐसा करते हुए कई बार हमारी आतंरिक ताक़त जवाब दे रही होती है | अकेलापन, थकान, उदासी और अस्वस्थता महसूस होने लगती हैं | लम्बे संघर्षों की चुनौतियों को पार करते कई बार एक तरह की बेमानीपन और खिन्नता होती है |  ऐसे में खुद को भीतर से पुनुर्जित करने, अपने स्वभाव और अपनी खासियतों के साथ स्वयं को स्वीकारने में ऊर्जा केन्द्रित अभ्यास सहायक होते हैं |

हम सब जानते है की बदलाव के लिए खुद के साथ काम करना, सहायक ढाचों के साथ काम करना और समुदाय के साथ काम करना सभी जरुरी है | जब हम समुदाय और व्यवस्था के साथ काम कर रहे हैं तो खुद को कैसे छोड़ सकते है | यही स्थितियाँ है जिसने इस कार्यशाला की श्रंखला को जन्म दिया |

हम सजग रहे हैं की सशक्तीकरण और खुशहाली पर केन्द्रित हमारे प्रयास पहले खुद से शुरू होकर ही समुदाय की महिलाओं, युवाओं और बच्चों पर केन्द्रित किये जा सकते हैं | समय समय पर संस्थागत कार्यकर्ताओं के लिए स्वयं को पुनुर्जित करने के अवसर इस उपक्रम का महत्त्वपूर्ण हिस्सा हैं | विशाखा पिछले  दस सालों से महिलाओं कार्यकर्ताओं के लिए इस प्रकार की कार्यशालाए करती आ रही है |

सामाजिक संस्कृति में पले, बढे और अधिकार आधरित काम करते हुए कार्यकर्ताओं के लिए उत्सवपूर्णता और खुद की देखभाल पर गहरी समझ के खुबसूरत अनुभव तैयार करने और इन्हें निरंतर रखने के लिए एक साझी पहल है.

स्व देखभाल कौशल निर्माण कार्यशाला 

क्या होगा इस चार दिवसीय उत्सव में

इस के लिए हम जिन विधियों का इस्तेमाल करेंगे वह है –

प्रकृति, श्वास व ध्यान से जुड़े कई प्रयोग, विभिन्न थेरेपी (Awareness through body, Expressive art therapy, Gibberish, Movement therapy, Reflection therapy) की मदद से शरीर ,भावनाओं , विचार से जुड़े प्रयोग ,शरीर के मूवमेंट्स, नृत्य, योगा, योगनिद्रा ,हंसी , संगीत, उर्जा बिन्दुओं पर काम , शेयरिंग, चर्चाएँ और विश्राम

 

कार्यशाला में चार स्तरों पर काम किया जायेगा

जागरूकता  

शरीर , विचार और भावनाओं के बारें के बारें में जागरूकता बढ़ाना |

विसर्जन

नकारात्मक भावनाओं ,उर्जाओं का प्रवाह टूटे और रुकावटों का विसर्जन I

रेचन

भीतर दबे हुए भावों को अभिव्यक्ति के अवसर हो ताकि भावनात्मक ग्रंथियों से मुक्त होकर हल्के और आनंदित हो पाएंगे | मौन एवं शांत बैठकर क्षण में होने के अभ्यास |

अनुभव बंटाना और समझ निर्माण

समाज, डर, इज्जत, शर्म जैसी अवधारणा को खुद के संदर्भ में समझाना और इनके स्वय: पर प्रभावों से आगे बढ़ पाना, चर्चाएं एवं व्याख्यान |

सामूहिक हीलिंग

खुद को प्यार, ध्यान, उर्जा और साथ देते हुए उर्जित करना

हमें उम्मीद है ये अनुभव आपको नयी ऊर्जा के साथ-साथ आपके भीतर की उत्सवपूर्णता को जगाने में भी सहयोग करेगा| नए साथियों के साथ इसे निरंतर रखने के उपायों को भी मजबूत करेगा |

ग्रामीण व कस्बाई महिला कार्यकर्ताओं के लिए विशेष आमंत्रण है

ये तो हम सब ही जानते हैं की महिला मुद्दों पर काम करने के लिए आगे आई कई महिला कार्यकर्ता खुद अपने जीवन में हिंसा, गैरबराबरी और दबावों का मुकाबला करके आई हैं | इनमे से कई साथी एकल महिलाएं हैं जिनके पास परिवार के बड़े जिम्मे हैं | हमारे संस्थागत परिवेश इन सन्दर्भों को तोड़ने और जीवन के आनंद को बनाये रखने की भरसक कोशिश करते हैं | जिनको नए मौकों और तरीकों से और बढाया जा सकता है | इसी लिए महिला कार्यकर्ताओं के साथ यह कार्यशाला खास महत्त्व रखती हैं | ग्रामीण और कस्बाई संस्कृति में पली बढ़ी , जीवटता के साथ काम करती महिला कार्यकर्ता स्व:देखभाल और प्यार को अपने जीवन में बढ़ा कर  उत्सव पूर्णता  और पुनरुर्जा के खुबसूरत अनुभव तैयार कर सके | इन्हें निरंतर रख सके | इसी का प्रयास है यह कार्यशाला |

आपके साथ साथ आपकी संस्था के सभी साथी इसमें आमंत्रित है | हम जानते हैं की हर संस्था अपने कार्यकर्ताओं के स्वस्थ, आनंदित और ऊर्जित होने को महत्त्वपूर्ण मानती है |  जो महिला व पुरुष कार्यकर्ता , महिलावादी नजरिये के साथ काम करते है इस कार्यशाला का हिस्सा हो सकते है | आप अपनी संस्था से दो – तीन अथवा अधिक साथी आयें तो वो इस प्रक्रिया को जारी रखने में एक दूसरे की मदद भी कर सकते हैं |

स्थान और तारीखे

स्थान   संभावना संस्थान, ग्राम कंडबाड़ी, डाक घर कमलेहड, तहसील पालमपुर, जिला कांगड़ा 176061

तारीख़   5 से 9 सितम्बर, 2018 ( 5 तारीख को हम कार्यशाला दोपहर को 2 बजे से शुरू करंगे और 9 तारीख की सुबह 9 बजे समाप्त करेंगे )

क्या साथ लाये :

ध्यान विधियों के लिए सहज ढीले-ढाले हलके गर्म कपडे | किसी के पास योग मेट हो तो वो भी लायी जा सकती है | रात में सुविधा के लिए टोर्च |

कैसे पहुंचे : नीचे दिए इस लिंक की मदद ली जा सकती है

https://www.sambhaavnaa.org/contact/

कार्यशाला के लिए योगदान राशी:  इस कार्यक्रम के लिए अपेक्षित योगदान राशी 4000/- रु है. परन्तु जो प्रतिभागी (संस्थाएँ) यह योगदान राशि देने में असमर्थ हैं वे आवेदन पत्र में यह चिन्हित कर सकते हैं.

जरूरतमंद प्रतिभागियों के लिए आंशिक छूट उपलब्ध है. हम सीमित लोगों को ही आंशिक छूट दे सकने में सक्षम हैं अतः आपसे अनुरोध है की आंशिक छूट की मांग करते वक़्त विचार लें की आपको वाकई इस छूट की जरूरत है. हो सकता है किसी जरूरतमंद को इस मदद की आवश्यकता आपसे भी ज्यादा हो.

भाषा : हिंदी

फेसिलिटेटर :

लता

सुश्री लता बजाज ध्यान, योग व विभिन्न ध्यान विधियों (भावनाओं के साथ काम, आन्तरिक बचपन से जुड़े अनुभव को उभारना और हास्य विधि व  ATB ) को संचालित करने के लिए  प्रमाणित सहजकर्ता  है |

वह पिछले 12 सालो  से पुरे भारत में हीलिंग व ध्यान पर  विभिन समूह के साथ  कार्यशालाएं व प्रशिक्षण कर रही है | इन्होने स्वास्थ्य, शिक्षा, महिला सशक्तीकरण, महिला हिंसा रोकथाम  जैसे मुद्दों पर बतौर सामाजिक कार्यकर्ता भी कार्य किया है |

हीलिंग व ध्यान में अपनी दक्षता व  अनुभवों  के आधार पर इन्होने विशाखा संस्था को महिला व बच्चो के हीलिंग सेंटर की अवधारणा व उसे लागू करने में सहयोग किया है | वर्तमान में वह हीलिंग, ध्यान और खुशहाली के कार्य में उपयोग में लायी जाने वाली विभिन्न विधियों के क्षेत्र में परामर्शक के रूप में कार्यरत है  | इनका मानना है कि उनके द्वारा स्वय अनुभव व अभ्यास की कई सभी विधियां एक व्यक्ति की जिंदगी में  खुशहाली लाने  में महत्वपूर्ण सहयोग करती है | उन्होंने अपना अधिकतर जीवन इस सीख को बाँटने में लगाया  है और साथ ही अपनी आन्तरिक यात्रा को शांति, प्यार और आन्नद के साथ तय कर रही है |

विशाखा टीम  

यह टीम  शिक्षा, स्वस्थ्य, जेंडर, हिंसा रोकथाम, ट्रांसफार्मेशन व अधिकार अद्धारित कार्य में विशेष दक्षता  रखटी  हैं | इन्ही मुद्दों पर विभिन्न समूहों के साथ प्रशिक्षण, दृष्टि निर्माण, हस्तक्षेप नियोजन, विभिन्न सम्प्रेषण टूल/रणनीति निर्माण और अभियान नियोजन का लम्बा अनुभव रहा है |

महिलायें अपने आप को प्राथमिकता देते हुए सहायक वय्स्थों का निर्माण कर पाए इसे बहुत करीब से कियान्वित किया है | नेतृत्व क्षमता निर्माण, अन्य संस्थाओं को तकनीकी सहयोग , परियोजना प्रबंधन, नेटवर्किंग व पैरवी जैसे कार्यों में इस टीम का विशेष अनुभव व दक्षता ह

सह आयोजन

विशाखा महिला शिक्षा एवं शोध समिति जयपुर :

विशाखा 1991 से महिलाओं, बच्चों, युवाओं और वंचित समुदायों के साथ उनके सशक्तीकरण के लिए काम करते हुए  अधिकार आधारित संघर्षों में शरीक रही है |

महिला हिंसा रोकथाम के लिए सम्रग रहत केंद ( महिला सलाह एवं सुरक्षा केंद्र ) चलाना , हिंसा से जूझ रही महिलाओं के समूह निर्माण और अधिकार प्राप्त करने के लिए सहायक व्यस्थाये निर्मित ( कार्यस्थल पर यौन उत्पीडन रोकथाम दिशा निर्देश : विशाखा गाइड लाइन )  करने का काम किया है |

विशाखा ने आनंदी हीलिंग सेंटर (2006 से 2009 तक) के माध्यम से  हिंसा से जूझ रही अनेक महिलाओं को  ( निजी संघर्षों और कानूनी लड़ाई में मदद के साथ साथ ) ध्यान और ऊर्जा के अभ्यासों के साथ एक सुरक्षित, सहयोगी, मजेदार और  सहज मार्गदर्शनयुक्त जगह उपलब्ध कराई है |  विशाखा में हम सजग रहे हैं कि सशक्तीकरण  और खुशहाली पर केन्द्रित हमारे प्रयास पहले खुद से शुरू होकर ही समुदाय की महिलाओं, युवाओं और बच्चों पर केन्द्रित किये जा सकते हैं. समय समय पर संस्थागत कार्यकर्ताओं के लिए स्वयं को पुनःउर्जित करने के अवसर इस उपक्रम का महत्त्वपूर्ण हिस्सा हैं |

विशाखा इस समय युवाओं के लिए खुशहाली व सन्दर्भ केंद चला रही  है जहा विभिन्न  मसलो पर काउंसलिंग के साथ-साथ विमर्श , सामूहिक एक्शन , छोटे अध्धयन , खेल , संवाद और कौशल निर्माण के काम युवा मिलकर करते हैं |

विशाखा सीधे समुदाय के साथ मिलकर स्थानीय जरूरतों और हकों के लिए काम करने वाली संस्था है |

सम्भावना इंस्टिट्यूट :

संभावना संस्थान पिछले छ: सालों से सामाजिक कार्यकर्ताओं के लिए राजनैतिक, आर्थिक, सामाजिक और पर्यावरणीय न्याय के कार्यक्रम आयोजित कर रहा है। संभावना परिसर हिमाचल प्रदेश के पालमपुर के पास एक गाँव में बसा है, यहाँ प्रांगण में ही रहने एव कार्यशाला की व्यवस्था उपलब्ध है.

पता है : ग्राम कंडबाड़ी, डाक घर कमलेहड, तहसील पालमपुर, जिला कांगड़ा 176061

तारीख़ :  5  से 9  सितम्बर, 2018

विशाखा

सुदर्शन – 7426918111

शबनम – 7230070786

इमेल admin@vishakhawe.org

khanshab2@gmail.com

सम्भावना

शशांक – 8894227954

इमेल programs@sambhaavnaa.org